Poverty Meaning in Hindi – हिन्दी में अर्थ

Poverty Meaning in Hindi

Noun

  • ग़रीबी, निर्धनता

Pronunciation (उच्चारण)

  • Poverty – पॉवटी

Poverty Definition in Hindi –

Poverty एक अंग्रेज़ी शब्द हैं जिसका हिंदी में मतलब ग़रीबी होता हैं। हमारे देश भारत में ग़रीबी या निर्धनता के अनेक कारण हैं।

निर्धनता एक विशेष, कारण का परिणाम नहीं है। भारत निर्धनता के नीचे दिए गए मुख्य कारण हैं –

1 . मानसिक दोष :- भारत की अधिकांश जनसंख्या ग्रामों में निवास करती है। इन ग्रामीण मात्रा में चिकित्सा संबंधी सुविधाओं का अभाव रहता है और साथ ही अल्पाहार मिलता बच्चों को उचित रुप से पालन पोषण न होने से बच्चे अल्पबुद्धि ही रह जाते हैं।

इनको उचित प्रकार की शिक्षा भी नहीं मिल पाती है। इस कारण ये लोग जीवन भर दूसरों पर आश्रित रहते हैं।

2 . बेकारी :- निर्धनता के व्यक्तिगत कारणों में से बेकारी भी एक कारण है। भारत में आज बेरोजगारी की समस्या विकट रूप धारण करती जा रही है।

3 . प्राकृतिक साधनों की कमी :- जिन स्थानों पर भूमि ऊसर होती है, कोयले व लोहे के उत्पादन के साधनों की कमी होती है, खनिज लवण उपलब्ध नहीं होते, वहां के व्यक्ति गरीब होते हैं। भारत के भौगोलिक कारणों में कई क्षेत्र तो ऐसे हैं, जहां की 100% जनसंख्या निर्धन हैं।

4 . प्राकृतिक विपत्तियाँ :- प्राकृतिक विपत्तियाँ जैसे सूखा पड़ना या वर्षा का अधिक होना, ज्वालामुखी का विस्फोट, भूचाल, तूफान आदि सारे क्षेत्र में खलबली मचा देता है। भारत की कृषि आज भी वर्षा पर निर्भर है। वर्षा कम होने से अकाल का सामना करना पड़ता है और कभी-कभी भयंकर वर्षा का प्रकोप होने से करोड़ों रुपयों की फसलें नष्ट हो जाती है। ये प्राकृतिक विपत्तियाँ भी भारत में निर्धनता के लिए उत्तरदायी रही हैं।

5 . कृषि का पिछड़ापन :- हमारे देश में पुराने ढंग से खेती की जाती है, क्योंकि अशिक्षित में सिंचाई व्यवस्था, रासायनिक खाद एवं अच्छे बीजों का अभाव होने से कृषि आज भी केवल जीविकोपार्जन का साधन माना जाता है।

6 . उद्योग-धंधों का अभाव :- भारत में उद्योग-धंधों का समुचित विकास नहीं हो सका, उद्योग धंधों के अभाव के कारण भी चारा ओर गरीबी का साम्राज्य दृष्टिगत होता है।

7 . कम पूँजी :- पूँजी उचित मात्रा में नहीं मिल पाने से देश का विकास स्थिर है, जबकि जनसंख्या बढ़ती जा रही है। वस्तुओं के मूल्य बढ़ रहे हैं। ये सभी कारक निर्धनता को बढ़ावा दे रहे हैं।

8 . बढ़ती महँगाई :- भारत में बढ़ती हुई महँगाई ने विकराल रूप धारण कर लिया है। इससे व्यक्ति अपने परिवार की मौलिक आवश्यकतायें पूरी करने में असमर्थ रहते हैं। आज हमारे देश में लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या निर्धनता की श्रेणी में आती है।

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