निबंध लेखन – Nibandh Lekhan in Hindi

परिभाषा – ‘निबन्ध’ का शाब्दिक अर्थ होता है — ‘ठीक तरह से बँधा हुआ’। जो रचना ठीक रूप से व्यवस्थित हो, उसे निबन्ध कहा जाता है।

इस शब्द का दूसरा अर्थ इसके विपरीत होता है। इसके अनुसार सब तरह के बन्धनों से मुक्त एवं स्वच्छन्द रचना को निबन्ध कहा जाता है।

निबन्ध की कोई सीमा निश्चित नहीं की जा सकती है। निबन्ध छोटे-से-छोटा हो सकता है और यह कई पृष्ठों का बड़े-से-बड़ा भी हो सकता है।

निबन्ध लिखने में दो चीजों की जरूरत होती है — (1) सामग्री एवं (2) शैली।

सामग्री के अन्दर विषय की जानकारी आती है और शैली के अन्दर निबन्ध लिखने का तरीका आता है। सामग्री और शैली दोनों का रहना उत्तम निबन्ध की पहली कसौटी है।

निबन्ध लिखने के कुछ नियम (Nibandh Lekhan Ke Niyam in Hindi) –

1 . निबन्ध का प्रारम्भ आकर्षक ढंग से करना चाहिए ।

2 . निबन्ध के मध्य भाग में मुख्य विषय को स्पष्ट करना चाहिए।

3 . निबन्ध का अन्तः निष्कर्ष के रूप में करना चाहिए और लेखक को अपना स्पष्ट विचार व्यक्त करना चाहिए ।

4 . निबन्ध की भाषा सरल और प्रवाहपूर्ण होनी चाहिए। जहाँ तक संभव हो, अपनी भाषा का ही प्रयोग करना चाहिए।

5 . निबन्ध में कठिन शब्द और लम्बे वाक्य अनावश्यक रूप से नहीं हँसना चाहिए। इससे निबन्ध के प्रवाह में बाधा पड़ती है

6 . निबन्ध रचना, एक कला है। इससे केवल परीक्षा में अंक ही प्राप्त नहीं किये जा सकते बल्कि इससे ज्ञान की भी अभिवृद्धि होती है।

निबन्ध के भेद (Nibandh Ke Bhed in Hindi) : –

1 . विचारात्मक निबन्ध

3 . भावात्मक निबन्ध

2 . विवरणात्मक निबन्ध

4 . वर्णनात्मक निबन्ध


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Final Thoughts –

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